हम नाचते, बजाते जब जी में आता
उड़ भी आते
एक दिन
नाचते
बजाते
धमाके हो गए
हमारे नाम लिख गए
पहले हिन्दू /मुसलमान वगैरह वगैरह
फिर दगी गोली भूमिहार/ठाकुर /चमार वगैरह
चिटपुटिया बजी एक रोज़
के अब तुम
हिन्दुतानी पाकिस्तानी वगैरह वगैरह
अब हर रोज़
एक दियासलाई जलती है
हमें कभी आम, कभी ख़ास
कभी वगैरह वगैरह करती है
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