आतंकवादी बुलाया
खालिस्तानी कहा
देशद्रोही बनाया
कंटीले तार
नुकीले लोहे
ठंढे बदबूदार पानी
से लोकतंत्र की आड़ में बजबजाती तानाशाही बचाते
तुमने मारे कितने यार हमारे
रास्ता रोका
गाड़ियों से कुचला
अपनी ताकत की सनक में
लेकिन
हमें याद था
उस बुड्ढे का सिखाया
हाँ वो ही बुड्ढा
जिसका हत्यारा तुम्हारा अभिमान है
बुड्ढे ने सिखाया था
हिंसा कमजोर का हथियार है
हम उसी सीख पर कायम हैं और रहेंगे
तुम्हारे सितम की इंतेहा तक
जो कि हमारी रोजमर्रा की जद्दोजहद के आगे फीकी है
कहते रहेंगे अपनी बात
यही है तुम्हारी वापसी का फरमान
बिना तुम्हारे तरीके अपनाए
भेजेंगे वापस तुम्हें
ससम्मान