Friday, November 19, 2021

ससम्मान

 


आतंकवादी बुलाया 

खालिस्तानी कहा

देशद्रोही बनाया 

कंटीले तार 

नुकीले लोहे 

ठंढे बदबूदार पानी 

से लोकतंत्र की आड़ में बजबजाती तानाशाही बचाते 

तुमने मारे कितने यार हमारे 

रास्ता रोका 

गाड़ियों से कुचला 

अपनी ताकत की सनक में 

लेकिन 

हमें याद था 

उस बुड्ढे का सिखाया 

हाँ वो ही बुड्ढा 

जिसका हत्यारा तुम्हारा अभिमान है 

बुड्ढे ने सिखाया था 

हिंसा कमजोर का हथियार है 

हम उसी सीख पर कायम हैं और रहेंगे 

तुम्हारे सितम की इंतेहा तक 

जो कि हमारी रोजमर्रा की जद्दोजहद के आगे फीकी है 

कहते रहेंगे अपनी बात 

यही है तुम्हारी वापसी का फरमान 

बिना तुम्हारे तरीके अपनाए 

भेजेंगे वापस तुम्हें 

ससम्मान 

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